Thursday, January 24, 2019

ICICI लोन केस: वेणुगोपाल धूत, दीपक कोचर के ठिकानों पर CBI रेड, FIR दर्ज

आईसीआईसीआई बैंक (ICICI) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) चंदा कोचर के पति दीपक कोचर से जुड़े लोन केस में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है. इसके साथ ही सीबीआई ने मुंबई और औरंगाबाद में वीडियोकॉन के मुख्यालयों पर छापे भी मारे हैं. इस पूरे मामले में चंदा कोचर की भूमिका भी संदेह के दायरे में है.

सीबीआई ने यह एफआईआर वेणुगोपाल धूत के वीडियोकॉन ग्रुप और दीपक कोचर की कंपनी 'नूपावर' के खिलाफ की गई है. एफआईआर दर्ज करने के साथ सीबीआई की टीम ने कुल चार जगह छापेमारी की है. इनमें नरीमन प्वॉइंट स्थित वीडियोकॉन दफ्तर और नूपावर के कार्यालयों में सीबीआई की टीम ने पड़ताल की.

क्या है मामला?

ICICI बैंक और वीडियोकॉन के शेयर होल्डर अरविंद गुप्ता ने प्रधानमंत्री, रिजर्व बैंक और सेबी को एक खत लिखकर वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत और ICICI की सीईओ व एमडी चंदा कोचर पर एक-दूसरे को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया था. दावा है कि धूत की कंपनी वीडियोकॉन को आईसीआईसीआई बैंक से 3250 करोड़ रुपये का लोन दिया गया और इसके बदले धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की वैकल्पिक ऊर्जा कंपनी 'नूपावर' में अपना पैसा निवेश किया.

आरोप है कि इस तरह चंदा कोचर ने अपने पति की कंपनी के लिए वेणुगोपाल धूत को लाभ पहुंचाया. साल 2018 में यह खुलासा होने के बाद चंदा कोचर को बैंक से इस्तीफा देना पड़ा था. सीबीआई ने पहले फरवरी, 2018 में इस मामले में प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की थी. जिसके बाद अब जांच एजेंसी ने एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश जारी कर दी है. वीडियोकॉन को लोन देने के मामले में चंदा कोचर की भूमिका पर भी सवाल हैं, ऐसे में एफआईआर दर्ज होने के बाद उनकी व परिवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

दरअसल, कपिल सिब्बल ने गुरुवार को ट्वीट किया, 'मोदीजी और अमित शाह ने कांग्रेस मुक्त भारत का आह्वान किया था. प्रियंका गांधी के अब पूर्वांचल की सियासत में आने से हम देखेंगे .... मुक्त वाराणसी? .... मुक्त गोरखपुर?'  ये दोनों सीटें पूर्वांचल में आती हैं, जहां की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी को सौंपी गई है. ऐसे में राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस को इस इलाके में पार्टी को मजबूत करने के लिए प्रियंका को वाराणसी सीट से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतार सकती है?

प्रियंका गांधी के लोकसभा चुनाव लड़ने पर बुधवार को राहुल गांधी ने कहा था कि ये फैसला पूरी तरह से प्रियंका पर ही निर्भर करेगा. हमारा बड़ा स्टेप लेने के पीछे मकसद यही है कि हम इस चुनाव में बैकफुट पर नहीं फ्रंटफुट पर लड़ेंगे. कांग्रेस पार्टी पूरे दमखम से ये चुनाव लड़ेगी. उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत तौर बहुत खुश हूं क्योंकि वह बहुत कर्मठ व सक्षम हैं और अब मेरे साथ काम करेंगी.

बता दें कि प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में कदम रखने से पहले तक वो अमेठी और रायबरेली में ही चुनाव प्रचार तक ही अपने को सीमित रखती थीं. अमेठी से राहुल गांधी और रायबरेली से सोनिया गांधी सांसद है. अब सियासत में कदम रखने के बाद उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी गई हैं. ये इलाका बीजेपी का मजबूत दुर्ग माना जाता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने बनारस संसदीय सीट से उतरकर पूर्वांचल में सभी दलों का सफाया कर दिया था. महज आजमगढ़ सीट थी जिसे बीजेपी नहीं जीत सकी थी.

हालांकि, पूर्वांचल एक दौर में कांग्रेस का मजबूत इलाका होता था. इस इलाके से कांग्रेस को कई दिग्गज नेता रहे हैं. इंदिरा गांधी के दौर में कमलापति त्रिपाठी सूबे में कांग्रेस का चेहरा हुआ करते थे और वाराणसी सीट से 1980 में सांसद भी चुने गए थे. पूर्वांचल में उनकी तूती बोलती थी.

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