Monday, February 4, 2019

जब लोकसभा में लगे नारे, ‘CBI तोता है, तोता है..तोता है’

लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल राजनीति का अखाड़ा बनता जा रहा है. बहुचर्चित शारदा चिटफंड घोटाले में कार्रवाई को लेकर केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और पश्चिम बंगाल सरकार आमने-सामने है. सीबीआई विवाद का मुद्दा सोमवार को देश की संसद में भी गूंजा. जिस दौरान लोकसभा में गृहमंत्री राजनाथ सिंह सीबीआई विवाद पर जवाब दे रहे थे, तब विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. इस दौरान तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद सदन में नारे लगा रहे थे, ‘CBI तोता है, तोता है..तोता है’.

दरअसल, सोमवार को जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी पार्टियों ने पश्चिम बंगाल का मुद्दा उठाया और मोदी सरकार पर सीबीआई का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने जब केंद्र पर आरोप लगाए, तो गृह मंत्री राजनाथ सिंह सरकार की ओर से जवाब देने को खड़े हुए.

गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि सीबीआई के अधिकारियों को कोलकाता पुलिस द्वारा जांच करने से रोका गया. सीबीआई को शारदा स्कैम की जांच करने की जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट ने दी है. सीबीआई अधिकारियों को काम करने से रोका गया है, ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई.

राजनाथ ने कहा कि देश की कानूनी एजेंसियों के बीच ऐसा टकराव देश के फेडरल और राजनीतिक ढांचे के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि एजेंसियों को अगर काम करने से रोका जाएगा तो इससे अव्यवस्था पैदा होगी.

विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरा

लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में ही सीबीआई विवाद के कारण हंगामा हुआ. लोकसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केंद्र सरकार CBI को हथियार बना सभी विपक्षी नेताओं को खत्म करना चाहती है.

उन्होंने कहा कि जो भी अन्याय के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे दबाने की कोशिश हो रही है. BJO अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए CBI का दुरुपयोग कर रही है. मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा समाजवादी पार्टी नेता धर्मेंद्र यादव, TMC सांसद सौगत राय ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा.

सेना ने तत्काल मदद से किया था इंकार

गुप्ता ने सदन को बताया था कि दानापुर के इंचार्ज सेना अफसर ने इस 'अनुरोध' के बारे में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को बताया था. अफसर ने इस लेटर के जवाब में लिखा था, 'सेना सिर्फ अधिकृत सिविल अथॉरिटीज के अनुरोध पर ही नागरिक प्रशासन में किसी तरह की मदद करता है. इस बारे में सेना मुख्यालय से मार्गदर्शन का इंतजार है.' तो एक तरह से सेना ने मदद से इंकार कर दिया, जिसके बाद सीबीआई ने कोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने असहयोग के लिए बिहार के डीजीपी को कारण बताओ नोटिस जारी किया.

इस पार्टी में शामिल हो गए सीबीआई अफसर

तब लालू को गिरफ्तार करने की हिम्मत दिखाने वाले अफसर यू.एन. बिस्वास की ईमानदारी के लिए काफी तारीफ भी हुई थी. लेकिन इस कहानी में एक और ट्विस्ट है. बाद में यह अफसर राजनीति में चले गए और आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि वह किस पार्टी में गए- तृणमूल कांग्रेस. जी हां, ममता बनर्जी ने उन्हें अपनी सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का मंत्री बनाया.

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