Friday, April 19, 2019

तीसरा चरण: 21% दागी, 25% करोड़पति उम्मीदवार; बीजापुर के प्रत्याशी ने 9 रु की संपत्ति बताई

नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 15 राज्यों की 116 सीटों पर 340 यानी 21% दागी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। इन पर कोई न कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज है। वहीं, 230 यानी 14% प्रत्यााशी ऐसे हैं जो गंभीर अपराध के आरोपी हैं। वहीं, इस चरण में 392 करोड़पति उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में हैं। यह बात एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में सामने आई है। एडीआर ने तीसरे चरण में चुनाव लड़ रहे 1612 में से 1594 प्रत्याशियों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। तीसरे चरण में 23 अप्रैल को मतदान होना है।

29 प्रत्याशियों के खिलाफ महिलाओं से जुड़े अपराध के मामले दर्ज हैं। इनमें दुष्कर्म, यौन उत्पीड़न और महिलाओं के प्रति क्रूरता जैसे आरोप शामिल हैं। 14 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने हलफनामे में यह घोषित किया है कि वे आपराधिक मामलों में दोषी पाए जा चुके हैं। 13 उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा चल रहा है। 30 प्रत्याशियों पर हत्या के प्रयास का आरोप है। 14 उम्मीदवार फिरौती के लिए अपहरण कराने के आरोपी हैं। 26 प्रत्याशियों के खिलाफ नफरतभरे बयान देने का मामला लंबित है।

392 उम्मीदवार ऐसे जिनकी संपत्ति 1 करोड़ से ज्यादा
एडीआर ने जिन 1594 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है, उनमें 392 यानी 25% प्रत्याशियों की संपत्ति 1 करोड़ से ज्यादा है। कांग्रेस के 90 उम्मीदवारों में 74 यानी 82%, भाजपा के 97 में से 81 यानी 84% उम्मीदवारों की संपत्ति 1 करोड़ से अधिक है। वहीं, सपा के 10 में से 9, बसपा के 12 और शिवसेना के 7 प्रत्याशियों की संपत्ति 1 करोड़ से ज्यादा है। तीसरे चरण में उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2.95 करोड़ रुपए है।

प्रियंका चतुर्वेदी ने एक पत्रकार के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए यह बात कही है. दरअसल, उस पत्रकार ने उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के एक नोटिस को ट्वीट किया था.

इस नोटिस में कहा गया था कि मथुरा में कथित तौर पर प्रियंका चतुर्वेदी के साथ दुर्व्यवहार करने वाले कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की अनुशासनात्मक कार्यवाही को निरस्त किया जाता है.

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी की ओर से जारी किए गए नोटिस में लिखा है कि बीते दिनों मथुरा में कांग्रेस कमिटी की प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी की रफ़ाल सौदे पर प्रेस कॉन्फ़्रेस के दौरान मथुरा ज़िलाध्यक्ष, उपाध्यक्ष समेत आठ लोगों ने अमर्यादित व्यवहार किया था. इसके बाद उनके ख़िलाफ़ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी.

नोटिस में लिखा गया है कि इस पर इन लोगों ने माफ़ी मांग ली जिसके बाद कांग्रेस महासचिव और पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रभारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के कहने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई को निरस्त कर दिया गया है.

बीबीसी से बातचीत में उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के उपाध्यक्ष आर.पी. त्रिपाठी ने कहा कि दुर्व्यवहार करने वाले कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने माफ़ी मांग ली थी जिसके बाद उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई को निरस्त कर दिया गया.

उन्होंने कहा कि अगर कोई माफ़ी मांगता है तो उसे माफ़ भी कर दिया जाना चाहिए और इस मसले को ज़्यादा बढ़ा-चढ़ाकर पेश नहीं किया जाना चाहिए.

बीते साल सितंबर में प्रियंका चतुर्वेदी मथुरा गई थीं जहां उन्होंने रफ़ाल सौदे पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस की. प्रियंका मूलतः मथुरा से ही हैं.

उन्होंने इस दौरान स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से दुर्व्यवहार किए जाने की शिकायत शीर्ष नेतृत्व से की जिसके बाद ज़िलाध्यक्ष अशोक सिंह चकलेश्वर और महासचिव उमेश पंडित समेत आठ लोगों को छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था.

पार्टी ने अब इन कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ कार्रवाई को निरस्त कर दिया है इस पर उमेश पंडित का कहना है कि उन्हें कभी अपने ख़िलाफ़ हुई कार्रवाई के बारे में मालूम ही नहीं था, वह तो तब भी कांग्रेस के लिए काम कर रहे थे और आज भी कर रहे हैं.

उमेश पंडित ने सितंबर में हुई घटना पर बीबीसी से कहा, "जब इस घटना के होने की बात कही जा रही है उस समय मैं अपने पिता के पास अस्पताल में था लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसा कुछ हुआ भी नहीं था. अगर ऐसे हुआ था तो उन्होंने पुलिस को शिकायत क्यों नहीं की. यह सब पूर्व विधायक प्रदीप माथुर के साथ उनकी बातचीत के बाद हुआ था क्योंकि वह हमसे बात ही नहीं करती थीं."

प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने ट्वीट में कहा है कि ख़ून-पसीना देने वाले उन जैसे कार्यकर्ताओं की जगह बदमाशों को तरजीह दी जा रही है, इस पर उमेश पंडित कहते हैं, "हमें गुंडा कैसे कह सकती हैं वो. हम वो लोग हैं जिनके घर में आज़ाद हिंद फ़ौज की स्थापना हुई थी. हम 27 साल से कांग्रेस में हैं और कांग्रेस में रहेंगे. ज़िलाध्यक्ष अशोक चकलेश्वर तीन बार के सांसद रहे चकलेश्वर सिंह के पुत्र हैं. उन्होंने मथुरा में रिफ़ाइनरी लगवाई और इंदिरा गांधी जब भी मथुरा आती थीं उनके यहां रुकती थीं. तो वह कैसे हमें बदमाश कह सकती हैं."

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